पृथ्वी_गोल_है_तो_हम_गिरते_क्यों_नहीं ?

 पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं| we can,t we fill  Earth,s spin ? | पृथ्वी गोल कैसे हैं?

जय श्री राम दोस्तों कैसे हैं ? आप लोग 
उम्मीद करता हु कि आप लोग अच्छे होंगे, स्वस्थ होंगे और मस्त होंगे तो चलिए फिर से  HARI GURU ब्लॉग पर आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम जानेंगे कि पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं या फिर आपके भी मन में ये सवाल कभी न कभी जरुर आया होगा।कि पृथ्वी गोल है तो पृथ्वी के नीचे वाले हिस्से में रहने वाले लोग क्यों नहीं गिरते हैं।


लेकिन इसका जवाब आपको नहीं मिला है आज तक या फिर हमें किसी व्यक्ती से या किताब से हमें समझ ही नहीं आता हैं, आखिर कैसे ये सब होता है,और क्यों होता है लेकिन आज हम आपको बता दें कि आप इस प्रश्न को इतनी अच्छी तरीके से समझ जाएंगे कि आप किसी भी व्यक्ती को बहुत ही आसानी से समझा दोगे। तो आइए जानते हैं विस्तार से -
पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं| we can,t we fill  Earth,s spin ? | पृथ्वी गोल कैसे हैं?

यदि पृथ्वी गोल हैं ? तो हम हम गिरते क्यों नहीं।

दोस्तों पृथ्वी तो वास्तव में गोल ही है इसके बावजूद भी हम लोग नहीं गिरते हैं इसका मुख्य कारण गुरुत्वाकर्षण बल का लगना है।
दोस्तो फिर से आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा, कि

गुरुत्वाकर्षण बल क्या है?

गुरुत्वाकर्षण बल (Gravity) वैसा बल जो दो वस्तुओं को एक-दूसरे की ओर खींचता है। यानि इसे आकर्षण बल भी कह सकते है । और ये बल पृथ्वी के ग्रहों के चारों ओर मौजूद होता है, जो वस्तुओं के मास और उनके बीच की दूरी के हिसाब से कार्य करता है।


किसी वस्तु के मास पर गुरुत्वाकर्षण बल निर्भर करता है, यानि जितना अधिक मास होगा, उतना ही अधिक गुरुत्वाकर्षण बल होगा। पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल का मान लगभग 9.8 मीटर प्रति द्वितीय (9.8 m/s²) होता है, जिसका मतलब है कि हर वस्तु पृथ्वी की सतह पर नीचे की ओर गिरती है जब उस पर अधिक बल नहीं लगता है।

गुरुत्वाकर्षण बल  पृथ्वी पर उपस्थित सभी चीजों पर समान रूप से लगता है। जैसे- कंकड़ पत्थर, चिड़िया, पेड़ पौधे इत्यादि।
उदाहरण -यदि हम किसी एक गेंद को पुरी जोड़ से उपर की ओर फेकते है तो वह कुछ ऊंचाई तक जाने के बाद वह गेंद पुनः पृथ्वी पर वापस आ गिरता है तो आपने कभी सोचा है कि आखिर जिस गेंद को हमने उपर की ओर फेका तो वह ऊपर ही क्यों नहीं चला गया। यानी पृथ्वी और गेंद के मास में बहुत फर्क है।इसलिए पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल ज्यादा होने के कारण वह गेंद को अपने तरफ खीच लेती हैं।
पृथ्वी घूम रही हैं मगर हम क्यों नहीं घूम रहे हैं?

पृथ्वी घूम रही हैं मगर हम क्यों नहीं घूम रहे हैं?

दोस्तों पृथ्वी घूम रही है, बचपन में आपने बहुत सुना होगा पढ़ा होगा अपने स्कूल के शिक्षक के द्वारा लेकिन क्या आप समझते हैं या कभी समझने की कोशिश की है कि पृथ्वी जब घूम रही है तो हम क्यों नहीं घूम रहे हैं आखिर हम एक ही जगह पर स्थित क्यों है तो चलिए आज हम आपको अच्छी तरह से समझा रहे हैं ताकि आप भी किसी भी व्यक्ति को समझा सकते हो उदाहरण के सहित तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।


उदाहरण - आप कभी ना कभी ट्रेन का सफर जरूर किए होंगे या नहीं भी किए होंगे तो भी कोई बात नहीं है दोस्त  अगर आप ट्रेन में बैठे हो और ट्रेन चल रही है तो आपको ट्रेन की आवाज से पता चलता है की ट्रेन चल रहा है या उसकी दरवाजे या खिड़की से जब हम बाहर देखते हैं तब पता चलता है की ट्रेन चल रही है। अगर चलती हुइ रेलगाड़ी में खिड़की और दरवाजे को बंद कर के बैठ जाओ तो रेलगाड़ी के बारे में आप जानते हैं की चल रही हैं या नहीं अगर जान भी सकते है तो उसकी कंपन से अगर कंपन की आवाज न हो तो हम सब नही जानेंगे की रेलगाड़ी चल रही हैं या ठहरी है । 



ठीक इसी प्रकार हमारी पृथ्वी है जिसकी अंतिम छोर को हम नही देख सकते हैं और न ही इसमें आवाज होती हैं और न ही हम जान पाते है।
लेकिन पृथ्वी अपनी गति से घूम रही हैं मगर हम नही घूम रहे है। और हमे पृथ्वी पर घूमने के लिए साइकल, कार,या कोई अन्य गारियो का इस्तेमाल करना होता है।


पृथ्वी घूम रही हैं मगर हम क्यों नहीं घूम रहे हैं?


पृथ्वी का आकर कैसा है?

पृथ्वी की आकार के बारे में बात करें तो कुछ लोगो का मानना आज भी यही  हैं कि पृथ्वी गोल है और कुछ लोगो का मानना है कि पृथ्वी अंडाकार हैं। हालाकि कई किताबों में तो यह लिखा हुआ भी मिलता है कि पृथ्वी गोल है। लेकिन वास्तव में देखा जाए तो पृथ्वी का आकार न तो गोल है और न ही अंडाकार। पृथ्वी की आकार अनियमित दीर्घवृत्ताभ या जीओड आकार की है। पृथ्वी गोल जरूर है लेकिन पूरी तरह गोल नहीं है क्योंकि इसका कुछ हिस्सा कहीं से उठा हुआ है और कुछ हिस्सा कहीं धंसा हुआ है। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि गुरुत्वाकर्षण के कारण ऐसा हुआ है । आपको बता दें कि भूमध्य रेखा के आसपास का भाग उठा हुआ है। पृथ्वी की विषुवतीय त्रिज्या 3,963.34 मील है, जबकि ध्रुवीय त्रिज्या 3,949.99 मील है। इससे पता चलता है कि यह गोल नहीं है।



पृथ्वी 1 घंटे में कितनी बार घूमती है?

पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूमती है अर्थात वह 1 घंटे में 15° तथा 4 मिनट में 1° घूमती है।
पृथ्वी घूम रही हैं मगर हम क्यों नहीं घूम रहे हैं?



पृथ्वी गोल हैं सर्वप्रथम किसने कहा?

दोस्तो सर्वप्रथम पृथ्वी गोल हैं की खोज करने वाले व्यक्ति ग्रीक गणितज्ञ, भूगोलज्ञ पायथागोरस नामक महान वैज्ञानिक थे। पैथागोरास ने ग्रीक दर्शन और गणित के सिद्धांतों का उपयोग कर एक त्रिकोण की मदद से पृथ्वी को गोल आकर के रूप में बताया था।


यह कब पता चला कि पृथ्वी गोल है?

पृथ्वी गोल हैं, की खोज करने वाले सबसे पहले वैज्ञानिक पायथागोरस ने इसका पता लगाया था और यह  ग्रीस के रहने वाले थे एवं इनकी खोज (500 ईस्वी पूर्व) को माना जाता है।


पृथ्वी का वास्तविक नाम क्या है?

पृथ्वी की असली/वास्तविक नाम की बात करें तो यह नाम संस्कृत भाषा की एक शब्द है पृथिवी जिसका अर्थ " एक विशाल धरा" निकलता हैं। एक अलग पौराणिकता के अनुसार, पृथ्वी नाम महाराज पृथु के नाम पर रखा गया।



 दोस्तो आज का यह Article [पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं| we can,t we fill Earth,s spin ? | पृथ्वी गोल कैसे हैं?] कैसा लगा Comment Box में जरुर बताना और आप कहां से हो ये भी मेंसन करना ताकि मैं भी जान सकू की कहा कहा मेरा लेख पहुंच रहा हैं। बाद बाकी आपको यह Article (पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं| we can,t we fill Earth,s spin ? | पृथ्वी गोल कैसे हैं? )पढ़ने के लिए धन्यवाद!


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