Rcm_हरित_संजीवनी | How to use of harit_sanjivani
आरसीएम हरित संजीवनी
RCM_हरित_संजीवनी | How to use of harit_sanjivani
हरित संजीवनी एक प्रकार की जड़ी-बूटियाँ हैं, और सभी फ़सलों का रामबाण औषधि है। इसका उपयोग(use)हम किसी भी तरह से जैविक खादों के साथ कर सकते हैं/इसका मिश्रण भी कर सकते हैं।![]() |
RCM_हरित_संजीवनी | How to use of harit_sanjivani |
आरसीएम हरित संजीवनी ®
प्रक्रिया -1: (250 ग्राम- 1 एकड़ के लिए / 125 ग्राम-आधे एकड़ के लिए) जमीन को उपजाऊ बनाने की उपचार पद्धति
- जमीन में रसायन के अघुलनशील घटकों को देता हैं।
- जमीन को भुरभुरी बनाता है।
- जमीन में नमी को बढ़ाता है।
- जमीन में नाइट्रोजन को स्थीर करने में मदद मिलती है।
- फसल में सूक्ष्म जड़ों की वृद्धि होती है।
- जमीन में फायदेमंद जीवाणुओं का विकास होकर जमीन की उपजन क्षमता बढने में मदद मिलती है।
- फसल को सूक्ष्म तत्व देने में मदद मिलती है।
- जमीन में आर्गेनिक कार्बन बढ़ाता हैं।
इस्तेमाल कैसे करें :-
- किसी भी रासायनिक खाद के साथ मिलकर दे सकते हैं।
- 30-40 किलो सूखी मिट्टी के साथ मिलकर दे सकते हैं।
- ड्रिप इरीगेशन या ड्रेंचिंग द्वारा दे सकते हैं।
- जमीन में आरसीएम हरित संजीवनी प्रक्रिया एक देने के बाद पानी देना अति आवश्यक है।
भूमि का प्रकार |मात्रा प्रति एकड़ |खुराक
सिंचित खेती |250 ग्राम |फसल लगाने के | | समय या 30 | | दिनों तक
बिना सिंचित खेती | 200 से 250 ग्राम | " "
फल बागानों में या जो पेड़ सालोंसाल काटे नहीं जाते उनके लिए पेड़ की उम्रनुसार RCM- हरित संजीवनी प्रक्रिया 1 का इस्तेमाल होता है।
प्रक्रिया - 2 : (100 ग्राम 1 एकड़ के लिए / 50 ग्राम आधे एकड़ के लिए) फसल की संतुलित वृद्धि की उपचार पद्धति ।
- फसलों की संतुलित वृद्धि होती है।
- पत्तों के आकार में वृद्धि होती है।
- प्रकाश संश्लेषण क्रिया तेज होने से अन्ननिर्मिती अधिक होती है।
- जड़ो के सशक्त विकास में मदद मिलती है।
- पौधों की गर्भधारण क्षमता बढ़ने में मदद मिलती है।
प्रक्रिया -3 : (150 ग्राम 1 एकड़ के लिए /75 ग्राम आधे एकड़ के लिए) फूलों की उपचार पद्धति।
इस्तेमाल का लाभ :
- फसल की शाखाएं बढ़ती है।
- फसल में ज्यादा से ज्यादा मादा फूलों का निर्माण होता है।
- फसल की यौवन अवस्था में लगने वाले विशेष अन्नतत्वों को देने में मदद मिलती है।
- फसल की सशक्त वृद्धि होती है।
- फसल में कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन (CN RATIO) को संतुलित रखता है।
- फसल की प्रतिकूल परिस्थिति में फूल और पत्तों को थामने की क्षमता बढ़ती है।
प्रक्रिया -4 : (250 ग्राम 1 एकड़ के लिए /125 ग्राम आधे एकड़ के लिए) फलों की उपचार पद्धति।
इस्तेमाल का लाभ :
- पत्तों और फूलों को संतुलित अन्य तत्व देने में मदद मिलती है।
- फसल और फलों की संतुलित वृद्धि होती है।
- फसल में ज्यादा से ज्यादा फूलों का रूपांतरण फलों में होता है।
- फल जल्दी एवं प्राकृतिक रूप से पकते हैं।
- फसल में पानी और वृद्धि के बीच संतुलन बनाकर पत्तों की गिरावट को नियंत्रित करता है।
RCM - हरित संजीवनी - प्रक्रिया 2,3,4 : इस्तेमाल कैसे करें ?
- 1 से 2 ग्राम RCM- हरित संजीवनी प्रक्रिया 2,3,4 1 लीटर पानी के अनुपात में उपयोग करना है।
- किसी भी कीटनाशक ,फफूंदनाशक के साथ मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।
- बोर्डो मिश्रण, अल्कलाइन दवा के साथ मिलाकर छिड़काव नहीं कर सकते।
RCM - हरित संजीवनी की विशेषताएं :
- प्राकृतिक मतलब ऑर्गेनिक उत्पादन है।
- रासायनिक छिड़काव में 20 से 40 % की बचत होती है।
- फसल के उत्पादन में 25 से 50 % की वृद्धि होती है।
- मानव ,पशु ,पक्षी और पर्यावरण के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।
निर्देश:
- RCM- हरित संजीवनी प्रक्रिया 2,3,4 का छिड़काव करते समय ज़मीन गीली होनी चाहिए या तो छिड़काव के बाद तुरंत पानी देना जरूरी है।
- बेहतरीन नतीजे के लिए छिड़काव सुबह 11:00 के पहले या शाम को 5:00 बजे के बाद करना चाहिए।
फसल का नाम
टमाटर, बैगन, मिर्ची, शिमला मिर्च, भिंडी, करेला, तंबस, खीरा,परवल, तरबूज, खरबूजा, पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, आलू, बीट, गिलकी, चुकंदर, प्याज, लहसुन, मटर, राजमा, बिन्स्वाल, चवली, मोट, आदि
उपचार की सूची
- प्रक्रिया 2 का छिड़काव : बुआई या रोपाई करने से 15 से 20 दिनों में छिड़काव करें।
- प्रक्रिया 3 का छिड़काव : प्रक्रिया 2 के छिड़काव से 15 दिनों के बाद या फूल निकलने की अवस्था में छिड़काव करें।
- प्रक्रिया 4 का छिड़काव : प्रक्रिया 3 के छिड़काव से 15 दिनों के बाद या फलों की विकास अवस्था में छिड़काव करें।
फसल का नाम
गेहूं, धान, कपास, अदरक, हल्दी, सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, जो ,अरंडी, तुअर, मूंग ,चना, आदि
उपचार की सूची
प्रक्रिया 2 का छिड़काव : बुआई या रोपाई करने से 25 से 30 दिनों में छिड़काव करें।
प्रक्रिया 3 का छिड़काव : प्रक्रिया 2 के छिड़काव से 15 दिनों के बाद या फूलो की अवस्था में छिड़काव करें।
प्रक्रिया 4 का छिड़काव : प्रक्रिया 3 के छिड़काव से 15 दिनों के बाद या फलों की विकास अवस्था में छिड़काव करें।
फसल का नाम
मक्का, बाजरा, ज्वार
उपचार की सूची
प्रक्रिया 2 का छिड़काव : बुआई करने से 10 से 20 दिनों में छिड़काव करें।
प्रक्रिया 3 का छिड़काव : प्रक्रिया 2 के छिड़काव से 8 दिनों के बाद छिड़काव करें।
प्रक्रिया 4 का छिड़काव : प्रक्रिया 3 के छिड़काव से 8 दिनों के बाद छिड़काव करें।
फसल का नाम
उपचार की सूची
प्रक्रिया 3 का छिड़काव : प्रक्रिया 2 के छिड़काव से 6 दिनों के बाद छिड़काव करें।
प्रक्रिया 4 का छिड़काव : प्रक्रिया 3 के छिड़काव से 6 दिनों के बाद छिड़काव करें।
फसल का नाम
चाय,कॉफी, तम्बाकू, पान, सभी प्रकार के फूल (प्रक्रिया 2,3,4 को एक साथ मिलाकर उसमें से 1 ग्राम पाउडर 1 लीटर पानी के अनुपात से इस्तेमाल करें)
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प्रक्रिया 2,3,4 को एक साथ मिलाकर रोपाई करने से 20 से 25 दिनों में छिड़काव करें। इसके बाद 15-15 दिनों के अंतर से छिड़काव करें।
आरसीएम - हरित संजीवनी ®️
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I'd: 39458370
हमसे संपर्क करें 👉 जीमेल
FAQ
हरित संजीवनी कैसा होता है?
हरित संजीवनी का उपयोग कैसे किया जाता है?
हरित संजीवनी की विशेषताएं?
आरसीएम के हरित संजीवनी?
हरित संजीवनी कौन सी फ़सल में दी जाती है?
हरित संजीवनी कितने में आती हैं?
हमसे संपर्क करें 👉 जीमेल
FAQ
हरित संजीवनी हरित संजीवनी क्या है?
हरित संजीवनी कैसा होता है?
हरित संजीवनी का उपयोग कैसे किया जाता है?
हरित संजीवनी की विशेषताएं?
आरसीएम के हरित संजीवनी?
हरित संजीवनी कौन सी फ़सल में दी जाती है?
हरित संजीवनी कितने में आती हैं?
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