इंसान_चाहे_कितना_भी_बुरा_हो_उसे_बदला_जा_सकता_है | Buddhist story
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इंसान_चाहे_कितना_भी_बुरा_हो_उसे_बदला_जा_सकता_है | Buddhist story | Hari Guru story|Angulimal storyअंगुलीमाल बहुत ही खतरनाक डाकू था जो लोगों को लूट कर मार देता था वह लोगों को बीच में डर बनाए रखने के लिए मारे हुए लोगों की उंगली को काटकर उसकी माल बनाकर पहनता था। अंगुलीमाल मगध के एक गुफा में रहा करता था जंगल के जिस गुफा में वह रहता था, लोग वहॉ से भी गुजरने से डरता था। क्योंकि अंगुलीमाल से सबको बहुत डर लगता था एक दिन की बात है जब गौतम बुद्ध ने सोनपुर गांव से गुजर रहे थे,तो उस दौरान गांव के सभी लोगों को चिंतित देखकर हैरान हो गया और वहां के लोगों से पुछा कि आखिर इतने उदास क्यों हो , |
क्या बात है आप सभी इतने डरे हुए हैं?
ऐसे में महात्मा बुद्ध को लोगों ने वहां के बारे में जानकारी दी कि,यहां पर एक डाकु अंगुलीमाल रहता है जिसका बुरा प्रकोप है। वह लोगों को लूट कर मार देता है और उनकी उंगलियों को काटकर माला बनाकर पहन लेता है इसलिए हमारे गांव के लोग बहुत डरे हुए हैं अब आप ही बताइए कि हम लोग करे से क्या करें?
महात्मा बुद्ध ने लोगों से पुछा ||
"अच्छा ऐसी बातें हैं । तो फिर अंगुलीमाल कहा रहता हैं?"
ऐसे में एक व्यक्ति सामने आया और महात्मा बुद्ध से बोला," जंगलों के अंदर एक गुफा है। जिसमें वह अंगुलिमाल रहता है"यह सभी बातें को सुनकर महात्मा बुद्ध अंगुलीमाल से मिलने जंगल की ओर चल पड़े। सोनपुर गांव के लोगों ने उनको रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन फिर भी वह नहीं रुके और जंगल की ओर चल पड़े जैसे ही वह गुफा के पास पहुंचे तब अंगुलीमाल अपने गुफा से निकाल कर हाथ में तलवार लेकर खड़ा हो गया।
महात्मा बुद्ध ने अंगुलिमाल को अनदेखा किया और आगे की तरफ चल पड़े यह देखकर अंगुलीमाल महात्मा बुद्ध को पीछा करने लगा पीछा करते-करते अंगुलिमाल जोर से चिल्ला कर बोला।
"ऐ सन्यासी रुक जा"
तुम कब रुकोगे ? तुम अपनी यह हिंसा कब बंद करोगे?
महात्मा बुद्ध ने कहा।
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दोस्तों इस कहानी से [इंसान_चाहे_कितना_भी_बुरा_हो_उसे_बदला_जा_सकता_है | Buddhist story | Hari Guru story | Angulimal story] हमको यही शिक्षा मिलती हैं कि इंसान चाहे कितना भी बुरा क्यू ना हो। वह बदल सकता हैं या उसे बदला जा सकता हैं। प्रेम और समझ के साथ हम अपने और दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, चाहे जीवन की कितनी भी कठिनाइयां क्यों न हो।
बुद्ध के उपदेशों में मानवता, शांति, और सहानुभूति के महत्व को बताया गया है, और यह कहानी भी हमें इन मूल्यों का महत्व याद दिलाती है। हम सभी के पास बदलाव और सुधारने की क्षमता होती है, और हमें दूसरों के साथ उस क्षमता का सहयोग करना चाहिए।