दीपावली का त्योहार क्यो मनाया जाता हैं ?
दीपावली का त्योहार क्यो मनाया जाता हैं?|दिवाली कब मनाया जाता हैं?| दिवाली कैसे मनाया जाता हैं?| जानिए दिवाली 2023 में कब हैं?
नमस्कार दोस्तों आज के इस Article में हम आपको दीपावली के बारे में बताने वाला हूं कि, दीपावली का त्योहार क्यो मनाया जाता हैं?|दिवाली कब मनाया जाता हैं| दिवाली कैसे मनाया जाता हैं| दिवाली कब हैं 2023 में।
दोस्तों सबसे पहले मैं इस बात को Confirm कर दे रहा हूं कि दीवाली और दीपावली दोनों एक ही है ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं कि इस वर्ष यानि 2023 में दीपावली 12 नवंबर दीन रविवार/आईतवार को मनाया जाएगा
दीपावली का महत्व :
दीपावली हिंदुओ का सबसे बड़ा त्योहार है इसे प्रकाश/रौशनी के त्योहार भी कहा जाता हैं।दीपावली बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है। यह हिंदुओं का त्योहार तक ही सीमित नहीं हैं अब इसे आज के दौर में भी बहुत से धर्मों के लोग अपने अलग अलग मान्यताओं के अनुसार दीपावाली का त्योहार मनाते है जैसे -हिन्दु, सिक्ख, बौद्ध, जैन तथा ईसाई भी शामिल हैं।
दीपावली क्यों मनाया जाता हैं?
दीपावाली हिन्दु धर्म का बहुत ही बड़ा और प्राचीन त्योहार है, जिसे भारत में बहुत ही हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता हैं। दीपावली एक संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ : दीप+आवली होता हैं। इसका हिन्दी अर्थ दीपो की संख्या होता हैं।
दीपावली मनाने का बहुत ही पौराणिक कथा और मान्यताएं प्रचलित हैं जिसमें से कुछ प्रसिद्ध मान्यताओ के बारे में विस्तार से चर्चा कर रहा हूं कि, आखिर दीपावली क्यो मनाया जाता हैं ? -
- भगवान श्री राम का अयोध्या लौटना : भगवान् श्री राम जी ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी के साथ चौदह वर्ष वनवास की सजा काँटने के बाद जब वापस अपने घर लौटे तो उन्होंने माता सीता घर में नहीं थे तो उन्होंने खोजते खोजते लंका में चले गए और असुरों के राज रावण से युद्ध जीतकर वापस जब अयोध्या लौटें तो नगरवासियो की खुशी का ठिकाना नहीं था।
मान्यता है कि इस दिन अयोध्या वासियों ने पुरे शहर को मिट्टी के दीयों से जगमगा दिया। इसी तरह प्रत्येक वर्ष पुरे भारत में दीपावली का त्योहार मनाया जाने लगा।
- माता लक्ष्मी की अवतरण : कार्तिक मास की अमावस्या के दीन ही समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी पृथ्वी के उपर अवतरित हुई थी। इसलिए दिवाली के दीन माता लक्ष्मी जी की पुजा की जाती हैं और अपने अपने घरों की साफ सफाई एवं सजावट भी करते हैं जिससे माता लक्ष्मी जी का हमारे घर में वास हों यहीं मुख्य कारण हैं दिवाली मनाने का।
- नरकासुर का वध : नरकासुर नाम का एक राक्षस था। जो भारत के वर्तमान में असम के निकट प्रागज्योतिषपुर के दुष्ट राजा द्वापर युग में था, जिसने 16,000 लड़कियों को बंदी बना लिया था।द्वापर युग में, भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर दिया जिससे सभी लड़कियां रिहा हो गई। इसी उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती हैं।
- सिक्खों की दिवाली 🪔 : सिख समुदाय की सबसे पवित्र भुमि Golden Temple जिसका शिलान्यास भी आज ही के दीन किया गया था, इसके उपलक्ष्य में सारे सिक्ख समाज भी इस पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं।
- जैन धर्म : दीपावली का त्योहार जैन धर्म के मानने वाले लोग भी मनाते हैं उन लोगों का मानना है कि इसी दिन भगवान महावीर स्वामी जी की मोक्ष की प्राप्ती हुई थी।
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दीवाली/दीपावली कब मनाया जाता हैं?
दीपावली हिंदुओं का बहुत बड़ा त्योहार है और इसे हम सब प्रत्येक वर्ष भली भांति मनाते हैं मगर क्या आपने कभी सोचा है कि दीपावली को प्रत्येक वर्ष कब मनाया जाता हैं? तो चलिए आज हम जान लेते हैं -
प्रत्येक वर्ष दिवाली मनाने की तारीख इसलिए बदल जाता हैं क्योंकि यह हिन्दू पंचांग के आधार पर होता है, और यह हिन्दु पंचांग के कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तिथी अमावस्या को मनाई जाती है, जिसे लोग चांद दर्शन के बाद करते हैं।
इस त्योहार को भारत में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है और यह आपसी प्यार और खुशियों का प्रतीक भी माना जाता है।
दीपावली का शुभ मुहूर्त (Diwali 2023 Shubh Muhurat) :
दोस्तों अब हम जानेंगे कि, दीपावली का शुभ मुहूर्त कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त शाम - 12 नवंबर दिन (रविवार) 05:40 से शाम 07:36 तक रहेगा। वहीं प्रदोष काल शाम 05:29 से रात्रि 08:07 तक रहेगा।
Note - यदि आप इस त्योहार के बारे में अपनी वक्तव्य को रखना चाहते हैं तो आप Comment कर सकते हैं।
दोस्तों जाते जाते आप सभी को HARI GURU की तरफ से दीपावली की हार्दिक- हार्दिक शुभकामनाये, शुभ दीपावली।
दीपावली 2023 History : इस त्योहार को भारत ही नहीं दुनिया के बहुत से देशों जैसे - अमेरिका,नेपाल,ब्रिटेन, आदि में भी बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। जो कि हिन्दु कैलेंडर जिसे पंचांग भी कहा जाता हैं के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष तिथि अमावस्या के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।
दिवाली 2023 में 12 नवंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी जिसकी झलक/रौनक दुनिया के बहुत से देशों में देखने को मिल जाएगी। इस दिन को हर हिन्दू अपने घर में विधि विधान से माता लक्ष्मी जी की पुजा करते हैं और आपार धन पाने की कामना भी करते हैं। ऐसा भी मानना हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-दौलत की भरमार होती है, और लक्ष्मी जी का घर में वास भी होती हैं।
दीपावली की शुरूआत कब और कहां से हुई थी?
दोस्तों दीपावली त्योहार का इतिहास बहुत ही पुराना है ऐसा माना जाता हैं की इनकी शुरूआत त्रेता युग में अयोध्या से हुई थी जब श्री राम जी ने रावण से जीतकर वापस अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने उसी विजय के उपलक्ष्य में घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से ऐसे ही प्रत्येक वर्ष दिवाली मनाई जानें लगीं।दीपावली का जन्म कब हुआ था?
दोस्तों दीपावली का जन्म 500 ईसा वर्ष पूर्व की मोहनजोदड़ो सभ्यता के मिले अवशेषों में मिट्टी की एक मूर्ति भी मिला जिसके अनुसार उस समय भी दीपावली मनाई जाती थी। उस मूर्ति में मातृ-देवी के दोनों ओर दीप जलते दिखाई देते हैं।FAQ
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